EV Policy Approved in India: भारत सरकार ने Electric Vehicle को अपने देश में बढ़ावा देने के लिए ईवी पॉलिसी (EV Policy Approved By India Government 2024) के मंजूरी दे दी है। EV Policy को मंजूरी 15 मार्च को दी गई। ईवी पॉलिसी के जरिये सरकार भारत देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल के मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करना है। साथ ही विदेश के ईवी व्हीकल की नई टैक्नोलॉजी को भारत में लाना है।

- ऑटोमोबाइल कम्पनियों 3 साल में तैयार करना होगा प्लांट
- विदेश से भी उपलबध हो पायेंगी कम कीमत पर कारें
भारत सरकार के उध्योग मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार Electrical Vehicle के मैन्युफैक्चरिंग और उसके प्रमोशन का विवरण तैयार कर लिया गया है। और EV Policy के तहत जल्द काम शुरू कर दिया जायेगा।
EV Policy Approved in India का क्या फायदा
EV Policy Approved in India: भारत देश में अभी विदेशी इलेक्ट्रिक वाहनों पर मोटा आयात शुल्क वसूला जाता रहा है। वहीं भारत सरकार द्वारा अब अपने देश इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग और विदेशी खरीदारी बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इसी के चलते अब भारत सरकार अपने देश में ईवी सेक्टर में तेजी लाने के लिए और EV Policy लेकर आई। इस पॉलिसी से भारतीय देश को काफी फायदा होने वाला है। Tesla और अन्य Electrical Vehicle Company कम्पनियां भी आसानी अपनी गाडि़यों को भारत में बिक्री कर पायेंगी।

न्यूनतम निवेश की सीमा
ईवी पॉलिसी के प्रावधान के अनुसार, ऑटो मैनुफैक्चरिंग यूनिट को न्यूनतम 4150 करोड़ रुपये का निवेश करना अनिवार्य होगा। लेकिन पॉलिसी में अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है।
3 साल के अन्दर तैयार करना होगा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट
भारत को Electronic Vehicle Manufacturing Hub बनाने के तौर पर प्रमोद करने के लिए इस पॉलिसी को मंजूरी दी गई है। इस EV Policy Approved in India के तहत ईवी कंपनियों को 3 साल के भीतर ईवी व्हीकल मैन्युफैकचरिंग प्लांट बनाना होगा। और प्लांट तैयार होते ही कॉमर्शियल व्हीकल तैयार करना शुरू कर देना होगा। साथ ही इस पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि 5 साल में 50 प्रतिशत और 3 साल में 25 प्रतिशत घरेलू वैल्यू एडिशन की शर्त के अनुसार चलना होगा।
कितनी रहेगी कस्टम ड्यूटी
भारत सरकार द्वारा लाई गई इस ईवी पॉलिसी के माध्यम से कम्पनियों को कम कस्टम ड्यूटी का प्रावधान मिलता है। जिससे भारत को इम्पोर्ट का फायदा मिलेगा। और साथ ही भारतीय ग्राहकों को विदेश की नई टैक्नोलॉजी से जुड़ने का मौका भी मिलेगा। ईवी व्हीकल इम्पोर्ट CBU (completely Built Up) लाने पर कस्टम ड्यूटी 15 प्रतिशत रहेगा। पहले से तैयार ऑटो पार्ट पर इम्पोर्ट कस्टर ड्यूटी 15 प्रतिशत रहेगी, मौजूदा समय में इस पर कस्टम ड्यूटी 70 फीसदी है।
कितनी गाडि़यों और कितने समय तक छूट
सरकार ने पॉलिसी के तहत कस्टम ड्यूटी छूट सीमा भी तय की है, जिसके अन्तर्गत यह कस्टम ड्यूटी सिर्फ 5 साल के लिए ही मान्य होगी और एक साल में अधिकतम 8000 गाडि़यों पर ही यह छूट दी जायेगी, वहीं वाहनों की सीमा एक साल में अधिकतम 8000 से ज्यादा रहने पर यह छूट नहीं दी जायेगी। और वहीं 5 साल में अधिकतम 40,000 कारों पर छूट मान्य है। साथ ही पॉलिसी में यह भी प्रावधान है कि कम्पनी यदि अपनी सालाना कारों की छूट का अधिकतम कोटा पूरा नहीं कर पाती है तो बचे हुए कोटे को अगले साल के लिए फारवर्ड कर दिया जायेगा।
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