पेट्रोल-डीजल वाहन होंगे 100 प्रतिशत बंद, ईधन आयात पर होता 16 लाख करोड़ खर्च : नितिन गडकरी

Nitin Gadkari, India To Get Rid Of Petrol And Diesel Vehicles

  • 5 से 7 सालों में पेट्रोल डीजल वाहनों का होगा अंत
  • 2004 से सरकार कर रही पेट्रोल-डीजल के ऑप्‍शन की तलाश

Nitin Gadkari : भारत में आगामी समय में पेट्रोल-डीजल के वाहन 100 प्रतिशत बंद हो जायेंगे। यह बात भारत के परिवहन केन्‍द्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) द्वारा कही गई हैं। उन्‍होंने कहा कि आने वाले 5 से 7 सालों के अन्‍दर पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहनों का अन्‍त हो जायेगा।  

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India To Get Rid Of Petrol And Diesel Vehicles: भारतीय सरकार पेट्रोल-डीजल वाहनों को बंद करने का लगातार प्रयास कर रही है और इलैक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) को प्रमोट कर रही है। वहीं भारत की सरकार कई नई-नई योजनाओं के द्वारा इलैक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को लाभांवित भी कर रही है। जिसके अन्‍तर्गत सरकार ईवी पॉलिसी के माध्‍यम से इलैक्ट्रिक वाहनों खरीदारों सब्सिसिडी के रूप में भारी छूट ऑफर दे रही है।         

इकोनॉमी बनाने हेतु हमें डीजल और पेट्रोल वाहनों से छुटकारा पाना होगा

पेट्रोल-डीजल वाहनों को खत्‍म करने के लिए भारत के Cabinet Minister Nitin Gadkari का बड़ा बयान आया है। ‘उन्‍होंने कहा कि सरकार साल 2004 से ईधन के दूसरे विकल्‍प पर जोर दे रही हैं। भारत देश को ग्रीन इकोनॉमी बनाने हेतु हमें डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों से पूर्ण छुटकारा पाना होगा। और साथ ही हमें भरोसा है आने वाले समय के पांच सालों में चीजे काफी बदल जायेंगी।‘  

यह मुश्किल है लेकिन असम्‍भव नहीं!

वहीं, जब केन्‍द्रीय मंत्री Nitin Gadkari से पत्रकारों द्वारा पूछा गया, ‘भारत देश के लिए डीजल और पेट्रोल कारों (petrol & diesel Car) को पूर्ण रूप से समाप्‍त करना सम्‍भव हो पायेगा।’ तो इसके जवाब में उन्‍होंने कहा‍ कि ‘100 प्रतिशत सभव है, यह मुश्किल है लेकिन असम्‍भव नहीं।‘ साल 2004 से फ्यूल ऑप्‍शन पर सरकार जोर दे रही है। और लगभग पांच से सात वर्षों में यह समाप्‍त होने की सम्‍भावना है। इस बदलाव के लिए कोई साल या तारीख नहीं बताई जा सकती।

भारत ईधन आयात पर खर्च करता 16 लाख करोड़ रुपये

नितिन गडकरी ने पीटीआई भाषा समाचार एजेंसी को बताया कि भारत जितनी धनराशि ईधन को आयात करने पर खर्च करता है उस धनराशि से किसानों का जीवन बेहतर बनाया जा सकता है, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा साथ ही गांव भी समृद्ध होंगे। भारत ईधन आयात करने पर लगभग 16 लाख करोड़ रुपये खर्च करता है। उन्‍होंने कहा कि जिस गति से इलैक्ट्रिक वाहन प्रस्‍तुत किये जा रहे हैं तो उससे लगता है आगामी समय बायो फ्यूल और ऑप्‍शनल हागा।

कम्‍पनियों ने पेश किए हाईड्रोजन से चलने वाले ट्रक

बता दें कि अशोक लीलैंड और टाटा क्‍म्‍पनी द्वारा ऐसे ट्रक प्रस्‍तुत किये गए है जो हाइड्रोजन के इस्‍तेमाल से चलते हैं यानी ये इनमें सीएनजी/एलएनजी का प्रयोग होता है। बायो सीएन की भारत में तकरीबन 350 फैक्‍ट्री मौजूद हैं।

निष्‍कर्ष- सरकार 2004 से लगातार पेट्रोल-डीजल वाहनों के प्रति सजग रही है। और उन्‍हें बंद करने के लिए प्रयास कर है। पेट्रोल डीजल वाहनों के कारण सरकार को विदेश से भारी धनराशि से ईधन को आयात करना पड़ता है। सरकार की योजना है कि ईधन आयात का पैसा देश के विकास और किसानों के विकास में लगाया जाये। और साथ ही पेट्रोल-डीजल वाहनों के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान भी हो रहा है।

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इसी के चलते वर्तमान में वाहन सेक्‍टर की बात करें तो भारत में Electric Car का निर्माण शुरू हो चुका है। और बात करें टू व्‍हीलर्स की तो इनका भारत में निर्माण होने के साथ अब इनको सड़कों पर भी देख जा सकता है। और भारत की जनता EV Vehicle को काफी पसंद भी कर रही है।   

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